सुबह सुबह पागलो के अस्पताल के सामने ऑटो रुका रवि ने ऑटो वाले को पैसे दिये और गेट के पास जाकर गार्ड को आवाज़ दी.पर वह कोई नहीं था. इसलिय वह ख़ुद ही बस गेट खोलने ही वाला था. तभी सामने से एक आदमी दौड़ता हुआ आया. और उसने गेट खोलकर रवि को अन्दर लिया.
और हँसते हुए पूछा तुम TV ठीक करने वाले होना.रवि बोला नहीं. नहीं ये शब्द सुनके उस आदमी के चहरे के भाव बदले और उसने रवि को कस के एक लाफा लगाया. रवि के आँखों के सामने अँधेरा छा गया.
वो आदमी बोला मेरा टीवी खराब है. तो इस गेट से टीवी ठीक करने वाला आना चाहिए तुम क्यों आगये. रवि ने ख़ुद को संभला फिर अचानक 1 डॉक्टर 4 कंपाउंडर वहा दौड़ते हुए आये. और उस आदमी को पकड लिया. फिर डॉक्टर ने कहा ले जाव इसे और शॉक ट्रीटमेंट के तैयारी करो.
डॉक्टर को देखके रवि बोला हेल्लो सर मैं रवि हूँ आज इस अस्पताल में मेरी नौकरी का पहला दिन है. मुझे डॉक्टर पाटिल से मिलना है. डॉक्टर बोले हाँ में ही हूँ पाटिल. तुम्हारे बारे में मुझे बतया गया है.
तुम अपना अपॉइंटमेंट लैटर ऑफिस में जमा करो. और वर्दी पहनकर सामने वाले ऑफिस में आकार मिलो. रवी थोड़ी हो देर में कंपाउंडर की ड्रेस पहनके ऑफिस में हाज़िर हुआ.
पाटिल डॉक्टर बोले अभी जो तुम्हे गेट के पास पागल मिला था. वह यहाँ बस 8 दिन पहले आया है. और अभी तक बहुत लोगो को थपड मर चुका है.यहाँ तक की बावर्ची को भी जाकर उसने TV क्यों नहीं चल रहा इस वज़ह से थपड मारा था.
तुम्हे इनसब की आदत डालनी होगी.और स्टाफ की कमी की वज़ह से तुम्हारी शिफ्ट कभी भी बदल सकती है. फिर डॉक्टर ने एक पुराने कंपाउंडर से रमाकांत को रवि को सभी स्टाफ से मिलवाने के लिए कहा.
सबसे मिलने के बाद रमाकांत ने रवि से कहा. चलो अब तुम्हे हमारा काम दिखता हूँ. और वह रवि को मरीजो का रूम दिखाने ले गया. वहापर बहुत सारे पागल मरीज थे. कोई फिल्मी डायलॉग बोल रहा था. कोई दर्द भरी शायरी बोल रहा था.कोई मछली पकड़ रहा था.
रमाकांत बोला अब तुम्हे भी इन सबको झेलना होगा. सबसे पहचान करने के बाद रवि और रमाकांत दोनों अपने अपने काम में जुट गए. उसी दिन रवि को नाईट ड्यूटी मिली थी. रातको रवि पेशंट के दावा पानी करने में व्यस्त था.
जब रात के 12 बजने घंटी बजी तब उसने नोटिस किया. की सबके चहरे पर अचानक डर-सा दिखने लगा है. कुछ मरीज जो सो नहीं रहे थे. वह भी दुबक के बैठ गए थे. रवि ने एक डॉक्टर से पूछा की यहांपर सभी लोग डरे हुए क्यों लग रहे है.
डॉक्टर बोले की 12 बजे के बाद इस हॉस्पिटल में पुराने मरे हुए पागलो की प्रेत आत्माये घुमती है. तुम भी संभल कर रहना. हो सके तो किसीके साथ रहना. पर रवि का भूत प्रेत पर विश्वास नहीं था.
उस रात रवि अकेले ही टॉयलेट की ओर जा रहा था. तभी उसे अपने पीछे किसीके होने का एहसास हुआ.
डरावना एहसास
लेकिन जब उसने पीछे मुडके देखा. तब वहा कोई नहीं था. वह आगे बढ़ने लगा. पर अब उसे किसी के कदमो की आहट महसूस होने लगी. फिर उसने सोचा की शायद वहम होगा. और वह टॉयलेट में घुस गया.
और जब वह टॉयलेट करके बाहर निकल रहा था. तब उसे दिखा की टॉयलेट के आयिने पर लिखा है. तुम अब पागल होने वाले हो. रवि को लगा कोई उसकी खिचाई कर रहा है. वार्ड में जाकर उसने किसी से कुछ नहीं कहा. बस वापस मरीजो का ध्यान रखने लगा. तभी अचानक उसे हॉस्पिटल में एक भयंकर चीख सुनाई दी.
वार्ड से बाहर आकार रवि आवाज़ की दिशा मैं तेजी से दौड़ा. वह आवाज़ स्टोर रूम से आ रही थी. जब रवि स्टोर रूम के अन्दर पंहुचा. तब दरवाजे के पीछे छुपे एक पागल ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया. और उसी दरवाजे की और मुह करके खड़ा हो गया.
रवि दरवाज़ा खोलने आगे बढ़ा. तब उस पागल ने रविको उठाके हवामे उछाल दिया. और ज़मीन पर गिरने की वज़ह से रवि की पीठ में चोट लगी. उतने में ही उसे एक विचित्र हंसी सुनिई दी. वह पागल बोला मैंने कहा था ना तुम पागल होने वाले हो.
रवि गुसे में बोला अबे पागल आदमी तुझे तो मैं शॉक दूंगा. पागल बोला शॉक की वज़ह से ही तो मै मारा था. Horror Stories In Hindi और अब मुझे शॉक से कोइ डर नहीं लगता. इतना कहके उसने एक हात से रविको कान से पकड़ा और अपने दुसरे हात लाइट का स्विच बोर्ड खोले उसमे डाल दिया.
और रवि को 440 होल्ट का झटका लगा दिया. पूरा हॉस्पिटल रवि के आवाज़ से गूंज उठा. उसकी आवाज़ सुनकर हॉस्पिटल का स्टाफ स्टोर रूम का दरवाज़ा तोडके अन्दर आया.
तब सबने देखा की रवि बेहोश है. रवि को लेजाके मरीजो बेड पर सुलाया गया. और जब रवि होश में आया तब वह उसका मानसिक संतुलन खोचुका था.
वह आजभी भी उस पागल पण से बाहर नहीं निकल पाया है. और अब पागल रवि को लगता है. कि वह एक सर्जन डॉक्टर है. और अभीतक बहुत से मरीजो और डॉक्टर्स का ब्लेड से पेट काट चूका है.
अब हर रात उस हॉस्पिटल में चीख सुनिई देती वह भी तब जब रवि को शॉक दिया जाता है.